Wednesday, May 27, 2009

फूल मुझे पसंद नहि,

फूल मुझे पसंद नहि,
मै कांटो का दिवाना हु!
मै जलने वली आग नहि,
जल जाने वाला परवना हु!
ख्वाब मुझे पसंद नहि,
मै हकिकत क आशियाना हु!
मै मिटने वाली हसरत नहि,
जीने वाला अफसाना हु!
मै थमने वाला वक्त नहि,
न छु पाने वाला किनारा हु!
मै रुकने वली सांस नहि,
सदा दिल मे धडकने वाला सहारा हु!

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